रा0 इ० का0 भगतोला में 75 वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

GIC Bhagtola
75 वां गणतंत्र दिवस 2024

       रा0 इ० का0  भगतोला   में 75 वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास   के साथ मनाया गया। इस अवसर पर  छात्र-छात्राओं द्वारा व्यायाम शिक्षक श्री महेश भंडारी  जी के दिशा निर्देशन में प्रभात फेरी निकाली गई,  समारोह की विधिवत शुरुआत 9:30  बजे प्रधानाचार्य श्री कमल जोशी जी  द्वारा   ध्वजारोहण से की गई ।   समारोह में मंच संचालन श्री राम बहोर यादव जी ने किया। 

    छात्र-छात्राओं द्वारा समूह गान, कुमाउँनी नृत्य , भाषण आदि  विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गए । प्रधानाचार्य श्री जोशी जी ने कार्यक्रम के सफल मंच  संचालन के लिए श्री यादव जी , सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती जाया पंत जी के साथ सभी शिक्षकों तथा अभिभावकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। 
जानिए संविधान निर्माण से जुड़ी खास बातें
26 जनवरी को ही क्यों मानते हैं  गणतंत्र दिवस-
 हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा से पारित होने के बाद आत्मार्पित कर लिया गया तो गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ही क्यों मनाते हैं? इसके पीछे कांग्रेस का 1929 का लाहौर अधिवेशन है । दिसंबर 1929 के लाहौर अधिवेशन के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। पंडित जवाहरलाल नेहरूर के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 19 दिसंबर 1929 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की। इसके साथ ही कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में पहला स्वतंत्रता दिवस मनाने का ऐलान किया।  26 जनवरी 1930 को देशभर में जगह-जगह सभाएं आयोजित की गईं और लोगों ने स्वतंत्रता प्राप्ति की शपथ ली। यही कारण हैं कि  15 अगस्त को स्वतंत्रता मिलने के बाद संविधान सभा के नेताओं ने इसे 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू करने और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
भारतीय संविधान के निर्माण से जुड़ी खास बातें :
- भारत में संविधान सभा के गठन का विचार पहली बार 1934 में एमएन रॉय ने रखा।
- 1935 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा के गठन की मांग रखी।
- 1940 में ब्रिटिश सरकार ने संविधान सभा के गठन की मांग को स्वीकार किया जिसे 1940 के 'अगस्त प्रस्ताव' के नाम से जानते हैं।
संविधान निर्माण के लिए 8 बड़ी समितियां व अन्य कई समितियों का गठन किया गया।
- सविधान निर्माण के लिए बनी समसे महत्वपूर्ण समिति 'प्रारूप समिति' थी जिसके अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अंबेडकर थे।
- प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था।
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई।
संविधान सभा की पहली बैठक में डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थाई सभापति चुना गया।
- 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई सदस्य चुना गया।
- 25 जनवरी 1947 को एचसी मुखर्जी को संविधान सभा का उपाध्यक्ष चुना गया।
13 दिसंबर 1946 को पंडित नेहरू ने ऐतिहासिक 'उद्देश्य प्रस्ताव' पेश किया जिसके परिवर्तित रूप को ही संविधान की प्रस्तावना माना गया।
- 26 नवंबर 1949 तक सभा ने विधायिका और संविधान सभा दोनों का कार्य करती रही। विधायिका
की बैठक में सभा की अध्यक्षता जीवी मावलंकर करते थे।